जी-7 शिखर सम्मेलन, इटली
G7 विश्व की आर्थिक महाशक्तियों का एक मंच है। जो कि विश्व कि 30% GDP और 1/10% जनसंख्या का नेतृत्व करता है। इस मंच पर लिये गये निर्णयों को विश्व के अधिकांश देशों की मान्यता प्राप्त हो जाती है।
cplakhera
6/16/20241 मिनट पढ़ें
G-7 SUMMIT, ITALY /जी 7शिखर सम्मेलन, इटली
50वां जी-7 शिखर सम्मेलन 13 से 15 जून 2024 तक इटली के अपुलिया के फसानो शहर में आयोजित किया गया। जिसमें भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा भी प्रतिभाग किया गया, जहां भारत को ‘आउटरीच देश’ के रूप में आमंत्रित किया गया था। इस दौरान उन्होंने जी-7 के विभिन्न राष्ट्राध्यक्षों के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटिनियो गुटेरेस, पोप फांसिस और ब्राजील, तुर्की, जार्डन, यूएई के राष्ट्राध्यक्षों से भी मुलाकात की। साथ ही पोप फांसिस को भारत आने का न्यौता भी दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर पर आयोजित आउटरीच सत्र को संबोधित किया। जिसमें उन्होंने ‘‘एआई फॉर ऑल’’ के मंत्र पर जोर देते हुए कहा कि ‘‘आने वाले समय में हम एआई को पारदर्शी, निष्पक्ष, सुरक्षित, सुलभ और जिम्मेदार बनाने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं।’’
इसके अलावा प्रधानमंत्री ने वैश्विक अनिश्चितताओं और तनावों का खामियाजा भुगत रहे वैश्विक दक्षिण देशों की चिंताओं को दोहराते हुए कहा कि ‘‘भारत ने वैश्विक दक्षिण के देशों की प्राथमिकताओं और चिंताओं को विश्व मंच पर रखना अपनी जिम्मेदारी माना है’’।
प्रधानमंत्री मोदी ने ऊर्जा के क्षेत्र में भारत के दृष्टिकोण के चार सिद्धान्तों - उपलब्धता, पहुंच, सामर्थ्य, स्वीकार्यता के तहत की गयी सभी प्रतिबद्धताओं को समय से पूरा करने वाला पहला देश बताया
प्रधानमंत्री मोदी ने पर्यावरण दिवस पर भारत की मिशन लाइफ पहल में भाग लेने के लिए जी-7 के नेताओं से आग्रह करते हुए ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान’ के बारे में बताते हुए कहा कि हम वृक्षारोपण को व्यक्तिगत स्पर्श और वैश्विक जिम्मेदारी के साथ एक जन आंदोलन बनाना चाहते हैं।
साथ ही उन्होंने भारतीय चुनावों को दुनिया में ‘‘लोकतंत्र का सबसे बड़ा त्योहार’’ बताया अपनी ऐतिहासिक जीत को पूरे लोकतंत्र की जीत बताया।
महत्वपूर्ण बिंन्दु
जी-7 देशों ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEC) अवसंरचना परियोजना के लिए अपनी सहमति जताई है, जो कि चीन के वन बेल्ट वन रोड परियोजना के विकल्प के रूप में देखी जा रही है।
उद्घाटन दिवस का मुख्य आकर्षण यूक्रेन के लिए 50 बिलियन डॉलर के ऋण प्रदान करने के लिए एक रूपरेखा पर राजनीतिक समझौता है।, जिसे रूस की फ्रीज की गयी परिसम्पत्तियों से मिलने वाले ब्याज से बनाया जाएगा।
जी 7, इटली के एजेंडे में
1. अफ्रीका, जलवायु परिवर्तन और विकास पर चर्चा
2. मध्य पूर्व पर चर्चा, जहां गाजा और इजरायल युद्ध पर चर्चा
3. प्रवास, एशिया प्रशांत और आर्थिक सुरक्षा।
4. कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ऊर्जा और भूमध्य सागर पर सत्र
जी-7 क्या है?
जी-7 औद्योगिक लोकतंत्रों का एक अनौपचारिक समूह है- जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और यूनाइटेड किंगडम (यूके) शामिल हैं जो वैश्विक आर्थिक शासन, अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा और हाल ही में कृत्रिम बुद्धिमत्ता AI जैसे मुद्दों पर चर्चा करने के लिए सलाना मिलते हैं। समर्थकों का कहना है कि यह,मंच की छोटी और अपेक्षाकृत समरूप सदस्यता, सामूहिक निर्णय लेने को बढ़ावा देती है, लेकिन आलोचकों का कहना है कि इसमें अक्सर अनुपालन की कमी होती है और उभरती हुयी शक्तियां इससे बाहर हो जाती हैं।
1998 से 2014 तक रूस इस मंच का सदस्य था, तब इसे जी-8 कहा जाता था। 2014 में रूस के क्रीमिया पर कब्जे के बाद उसे निलंबित कर दिया गया था। इसकी स्थापना 1975 में हुयी थी।
G7 विश्व की आर्थिक महाशक्तियों का एक मंच है। जो कि विश्व कि 30% GDP और 1/10% जनसंख्या का नेतृत्व करता है। इस मंच पर लिये गये निर्णयों को विश्व के अधिकांश देशों की मान्यता प्राप्त हो जाती है।